Zerodha के Nithin Kamath ने वर्क फ्रॉम होम पर उठाए सवाल, जानिए कौन सा मॉडल लागू करने को कहा
नितिन कामत (Nithin Kamath) ने वर्क फ्रॉम होम कल्चर को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट डालते हुए कहाहै कि रिमोट वर्क (Remote Work) यानी वर्क फ्रॉम होम हर किसी के लिए सही नहीं है.
ब्रोकरेज फर्म Zerodha के को-फाउंडर और CEO नितिन कामत (Nithin Kamath) ने वर्क फ्रॉम होम कल्चर को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट डालते हुए कहाहै कि रिमोट वर्क (Remote Work) यानी वर्क फ्रॉम होम हर किसी के लिए सही नहीं है. यह कुछ कर्मचारियों के लिए बेहतर हो सकता है तो कुछ कर्मचारियों के लिए दिक्कत वाला साबित हो सकता है.
नितिन कामत ने कहा है कि कुछ महीने पहले उन्होंने अपने कर्मचारियों के बीच बेहतर सहयोग और रचनात्मकता के लिए एक हाइब्रिड मॉडल लागू किया था. नितिन का मानना है कि यह एक सकारात्मक कदम साबित हुआ है. बता दें कि हाइब्रिड मॉडल के तहत कंपनी के कर्मचारियों को ऑफिस और घर दोनों जगह से काम करने की सुविधा दी जाती है.
उन्होंने कहा है कि 2020 में कोरोना महामारी लॉकडाउन के दौरान सभी लोग पूरी तरह से दूर चले गए थे. इस दौरान बहुत से लोगों ने वर्क फ्रॉम होम किया, वहीं कुछ लोगों को इस दौरान कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा. दूरियां बढ़ने की वजह से टेक, बिजनेस और डिसीजन मेकिंग टीमों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा, लोगों में कम्युनिकेशन गैप देखने को मिला.
All of us at @zerodhaonline went fully remote during the pandemic lockdown in 2020. While it's been great for some, it hasn't been for others. In this post, K explains why it didn't work for everybody at Zerodha.
— Nithin Kamath (@Nithin0dha) April 1, 2024
Work from home works well for support roles given the structured…
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सकारात्मकता की ओर इशारा करते हुए नितिन कामत ने कहा कि हाइब्रिड मॉडल बहुत ही पॉजिटिव कदम रहा है. इसके चलते कोर टीम के करीब 10 फीसदी यानी 100 से भी ज्यादा लोग हफ्ते में 3 दिन ऑफिस आने लगे. नितिन ने जेरोधा के सीटीओ कैलाश नाथ द्वारा रिमोट वर्क पर लिखा एक ब्लॉग भी साझा किया है.
अगर ब्लॉग की कुछ खास बातों का जिक्र किया जाए तो उसमें रिमोट वर्क में बदलाव और कर्मचारियों की तरफ से झेली जा रही चुनौतियों के बारे में बताया गया है. इसमें तमाम चीजों के साथ-साथ कर्मचारियों के ओवरटाइम, गैपिंग, कम्युनिकेशन ब्रेक और बर्नआउट भी शामिल हैं. नितिन कामत की तरफ से साझा किए गए ब्लॉग में यह भी विस्तार से बताया गया है कि हाइब्रिड मॉडल का कर्मचारियों पर सकारात्मक असर देखने को मिला है.
01:33 PM IST